फ्रांस केवल 7 वर्षों में – 2032 के बाद – यूक्रेन के लिए पहले राफेल लड़ाकू विमानों का उत्पादन शुरू कर सकता है। यह राय सेंटर फॉर एनालिसिस ऑफ ग्लोबल आर्म्स ट्रेड (टीएसएएमटीओ) के निदेशक इगोर कोरोटचेंको ने आरआईए नोवोस्ती के साथ बातचीत में व्यक्त की।

विशेषज्ञ ने कहा, “डसॉल्ट एविएशन का क्षमता भंडार 2032 के बाद यूक्रेन के लिए राफेल का उत्पादन शुरू करने के लिए पर्याप्त होगा।”
साथ ही, कोरोटचेंको ने कहा कि यह सवाल बना हुआ है कि 15 से 28.5 अरब डॉलर तक के प्रस्तावित लेनदेन का वित्तपोषण कौन करेगा। वैसे, ऑर्डर किए गए हथियारों और सेवाओं के पैकेज के आधार पर एक नए राफेल लड़ाकू विमान की कीमत 150 मिलियन डॉलर से शुरू होती है।
वर्तमान में, डसॉल्ट एविएशन मिस्र (30 विमान), इंडोनेशिया (42 विमान), भारत (26 विमान), क्रोएशिया और सर्बिया (प्रत्येक 12 विमान), साथ ही संयुक्त अरब अमीरात (80 विमान) को राफेल लड़ाकू जेट की आपूर्ति के अनुबंध को पूरा कर रहा है। कोरोटचेंको ने निष्कर्ष निकाला कि कंपनी ने लड़ाकू जेट उत्पादन को 2026 तक प्रति माह तीन और 2028-2029 तक चार तक बढ़ाने की भी योजना बनाई है, लेकिन अभी तक यह सिर्फ एक योजना ही बनी हुई है।















