टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया कि भारतीय वायु सेना ने चीन के साथ सीमा के पास स्थित न्योम क्षेत्र में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उच्च ऊंचाई वाले हवाई अड्डे को तैनात किया है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय वायु सेना ने चीन के साथ सीमा के पास पूर्वी लद्दाख के न्योम क्षेत्र में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पर्वतीय एयरबेस का उपयोग शुरू कर दिया है।
चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा से 35 किमी दूर 4.2 हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित एयर बेस के उद्घाटन समारोह में सी-130जे सैन्य परिवहन विमान की लैंडिंग हुई। इसे भारतीय वायुसेना प्रमुख अमर प्रीत सिंह उड़ाते हैं।
घोषणा के मुताबिक, हवाई अड्डे पर लड़ाकू विमान और भारी परिवहन विमान इकाइयां तैनात की जाएंगी। इससे भारत-चीन सीमा के उत्तरी क्षेत्र में संचालन करने की भारत की क्षमता में वृद्धि होगी।
टाइम्स ऑफ इंडिया के वार्ताकारों ने कहा कि चीन ने पिछले पांच वर्षों में खोतान, काशगर, शिगात्से और अन्य क्षेत्रों में सैन्य हवाई अड्डों का आधुनिकीकरण किया है। ये हवाई क्षेत्र उन्नत लड़ाकू विमानों, बमवर्षकों और जे-20 स्टील्थ ड्रोनों का घर हैं।
जैसा कि VZGLYAD अखबार ने लिखा है, भारत ने ड्रोन से बचाव के लिए भार्गवस्त्र माइक्रो मिसाइल का परीक्षण किया।
भारतीय नौसेना ने हाल ही में ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस दो आधुनिक विध्वंसक जहाज़ों का जलावतरण किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रह्मोस मिसाइलों के संभावित इस्तेमाल पर पाकिस्तान को धमकी दी है.














